Saturday 27 January 2018

खुद के साथ

सुनो!

कुछ कहना चाहती हूँ,
कुछ बताना चाहती हूँ,
बहुत सी
बातें हैं, खुशियां है,
सपने हैं, अरमान हैं,
दुख है, दर्द है,
जो बाकी है बाँटने
अब भी तुमसे,...

माना
तुम और मैं नहीं
अब हम
सिर्फ हम हैं,..
फिर भी
कभी-कभी
खुद से मिलना भी
जरूरी होता है,...

खुद के लिए ही सही
कुछ देर ठहरो
सुनो,समझो,मानो,...
हाँ! जिंदगी में
थोड़ा ठहरना भी जरूरी है
खुद के लिए
खुद के पास
खुद के साथ,...

प्रीति सुराना

0 comments:

Post a Comment